फिल्मी दुनिया को बड़ी राहत, स्मारकों में शूटिंग पर खर्चा होगा आधा, 20 दिन में मिलेगी परमिशन
सरकार ने कहा है कि स्मारकों में फिल्मों की शूटिंग के लिए एक लाख रुपये की फीस को घटाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है.
सरकार ने कहा कि देश के विभिन्न स्मारकों पर शूटिंग के लिए अब फिल्म निर्माताओं को 20 दिनों में मंजूरी दी जाएगी. (File Image)
सरकार ने कहा कि देश के विभिन्न स्मारकों पर शूटिंग के लिए अब फिल्म निर्माताओं को 20 दिनों में मंजूरी दी जाएगी. (File Image)
Film shooting at ASI monuments: कोरोना महामारी से जूझ रही फिल्मी दुनिया को उबारने के लिए सरकार ने बड़ी राहत देने का ऐलान किया है. सरकार ने हमारे ऐतिहासिक स्मारकों (Monuments) में फिल्मों की शूटिंग पर लगाने वाली फीस को घटाकर आधा करने का फैसला किया है.
सरकार ने कहा कि देश के विभिन्न स्मारकों पर शूटिंग (Film shooting in monuments) के लिए अब फिल्म निर्माताओं को ऑनलाइन अप्लाई पर 20 दिनों में मंजूरी दी जाएगी. साथ ही इसके लिए फीस को एक लाख रुपये से घटाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है.
संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल (Prahlad Singh Patel) ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के उत्तर में बताया कि अब सरकार ने यह फैसला लिया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) के तहत आने वाले स्मारकों पर लाइट एंड साउंड शो होता है, उन्हें रात नौ बजे तक खोला जाए.
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उन्होंने बताया कि जिन जगहों पर जिला प्रशासन अनुमति देगा वहां ऐसे लाइट एंड साउंड शो (Light and Sound Show) वाले स्मारकों को रात दस बजे तक खोला जा सकेगा.
घटाई फीस (film shooting Fee at ASI monuments)
उन्होंने कहा कि जो फिल्म निर्माता स्मारकों पर शूटिंग करते थे, उसके लिए अनुमति देने में एक साल तक लग जाता था. अब इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है और अनुमति महज 20 दिन में प्रदान कर दी जाती है.
प्रह्लाद पटेल ने कहा कि इन जगहों पर शूटिंग के लिए एक लाख रुपये की फीस को घटाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. फिल्मों की शूटिंग की मंजूरी के लिए ASI की वेबसाइट asiegov.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है.
आम पर्यटक कर सकेंगे फोटोग्राफी (Photography in Indian Monuments)
उन्होंने कहा कि विश्व धरोहरों और कुछ अन्य धरोहरों को छोड़कर अन्य सभी स्मारकों पर पत्रकार सहित कोई भी आम पर्यटक फोटो खींच सकेंगे और वीडियोग्राफी भी कर पाएंगे.
स्मारकों पर लगाये जाने वाले टिकट की राशि के बारे में उन्होंने कहा कि जिन स्मारकों पर जितने लोग आते हैं, उनका आकलन कर टिकट राशि तय होगी. पटेल ने कहा कि सरकार का मानना है कि सभी स्मारकों के लिए एक समान टिकट रााशि नहीं होनी चाहिए.
कलाकारों को पेंशन (Artist Pension)
उन्होंने मनोनीत सदस्य सोनल मान सिंह के एक अन्य पूरक सवाल के जवाब में कहा कि कलाकारों की पेंशन एक बड़ी समस्या थी जो पिछले दो साल से थी लेकिन कोरोना काल के बीच में भी उनकी पेंशन पहुंचायी गई.
उन्होंने कहा कि हमारे यहां गुरु-शिष्य परंपरा की एक राशि होती है, वह भी दी गई है. कुछ नियमों को लेकर कलाकारों के मन में मतभेद था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह मानना है कि यह सब ऑनलाइन होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी जिन कलाकारों ने जो भी गतिविधियां कीं, सरकार ने उनका पैसा दिया है. उन्होंने कहा कि पहले भौतिक उपस्थिति की जरूरत होती थी, लेकिन उस नियम को शिथिल कर कलाकारों को पैसे दिए गए.
नई गैलरी बनाने का काम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे पास इतना ज्यादा सामान है कि हम संग्रहालयों में छह-सात प्रतिशत से ज्यादा का प्रदर्शन नहीं कर पाते. उन्होंने कहा कि यह समस्या है और इस संबंध में संग्रहालयों में नए सिरे से गैलरी बनाने का काम शुरू किया गया है.
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09:01 PM IST